BA Semester-5 Paper-2 Physical Education - Kinesiology and Biomechanics in Sports - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकी - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकी

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2806
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 शारीरिक शिक्षा - खेलों में पेशीगति विज्ञान एवं जैव यान्त्रिकी - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- चाल के न्यूटन के सिद्धान्तों को समझाइए एवं उदाहरण सहित इन सिद्धान्तों की खेलकूद में उपयोगिता बताइए।

उत्तर -

न्यूटन के द्वारा प्रतिपादित किए जाने वाले गति के सिद्धान्त अत्यन्त महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। इन सिद्धान्तों के आधार पर गति तथा वस्तु के बीच सम्बन्ध को आसानी से समझा जा सकता है। न्यूटन ने जिन नियमों का प्रतिपादन किया है वह बल ज्यामिती के अनुरूप कार्य करते हैं। इनका वर्णन निम्नलिखित रूप में किया जा रहा है-

(1) न्यूटन का प्रथम नियम-प्रक्रिया का सिद्धान्त - इस सिद्धान्त में न्यूटन ने यह प्रतिपादित किया कि प्रत्येक लीनियर क्रिया के लिए सम तथा विपरीत प्रतिक्रिया होती है। एक्शन फोर्स के लिए विपरीत अथवा बराबर प्रतिक्रिया बल होता है। जिस समय एक वस्तु के द्वारा दूसरी वस्तु पर के बराबर अथवा विपरीत बल लगाती है। इस प्रकार दोनों बलों का आपस में टकराव होता है। इसके उदाहरण - चलना, कूदना आदि है।

(2) न्यूटन का दूसरा नियम - जिस समय किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाया जाता है उस समय उसमें संवेग की उत्पत्ति होती है, जिसके परिणामस्वरूप उस असंतुलित बल के सीधे समानुपात, बल का प्रयोग होता है। इस प्रकार इस नियम के द्वारा वजन बल तथा संवेग आदि को दर्शाया जाता है। कई प्रकार के खेल कौशलों में इसका प्रयोग किया जाता है। इसका उदाहरण फेंकी जाने वाली गेंद का टकराना है।

(3) न्यूटन का तीसरा नियम - इस नियम को जड़त्व का नियम भी कहा जाता है, इस नियम के अनुसार जब तक बाहरी बल का किसी वस्तु पर प्रभाव नहीं पड़ता है तब तक वस्तु विश्राम की स्थिति में रहती है। जिसे जड़त्व भी कहा जाता है। इस प्रकार इस नियम के द्वारा यह बताया गया है कि जब तक किसी वस्तु पर बाह्य बल का कुल वेग शून्य होगा तब तक वस्तु सन्तुलन की अवस्था में रहेगी। जिस प्रकार एक गेंद यदि मैदान पर पड़ी रहे, तो उसमें किसी प्रकार की हलचल नहीं होगी, क्योंकि उस समय गेंद पर किसी प्रकार का बल नहीं लगाया गया है। इसके विपरीत यदि गेंद को फेंका गया है तो निश्चय ही उसकी गति में परिवर्तन आने की संभावना बनी रहती है। क्योंकि उस समय पर गुरुत्व बल तथा हवा आदि के द्वारा बल लगाया जाता है। अतः उसकी दशा बदलती रहती है। अर्थात् यह किसी वस्तु की वह स्थिति है जब वह अपन स्थान बदलना नहीं चाहती, स्थिर रहना चाहती है। यह किसी वस्तु का वह गुण है जिसमें किसी बाहरी बल के द्वारा ही वस्तु में परिवर्तन किया जा सकता है। गति के द्वारा विज्ञान की गति को तोड़ा जाता है। जिसके परिणामस्वरूप वस्तु में हलचल उत्पन्न होती है।

न्यूटन के तीसरे नियम से सम्बन्धित सिद्धान्त

प्रथम सिद्धान्त - जमीन तल में भिन्नता एवं प्रतिरोधी बल- जब किसी एक स्थिर सतह पर बल का प्रयोग होता है, जहाँ से यह प्राप्त होता है, वहीं एक प्रतिरोधी बल वापस हो जाता है, जितनी स्थिर सतह होगी उतना ही प्रतिरोधी बल होगा।

उदाहरण -

(1)  दौड़ने या कूदने में तल उतने एक समान बल से पीछे की ओर धकेलता है. जितने बल का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार शरीर सामने की ओर बढ़ता है, यदि सतह ढीली होती है जैसे रेती सतह तो प्रतिरोधी बल का अधिकांश भाग बिखर जाता है, जिससे कि प्रायोग्य बल सीमित हो जाता है तथा व्यक्ति को कम प्रणोदी बल मिलता है।

(2) यदि सतह फिसलने वाली है या फिर पैर में पहनने वाले उपकरण उचित घर्षण उत्पन्न करने के लिए अपर्याप्त हो, परिणाम उपर्युक्त उदाहरण के समान होंगे।

(3) पानी शरीर को कड़ी सतह की तुलना में कम प्रतिरोधी प्रदान करता है। इसीलिए कड़ी सतह की बजाय शरीर को प्राप्त प्रणोदी बल पानी में अधिक मिलता है।

दूसरा सिद्धान्त प्रतिरोधी बल की दिशा - प्रतिरोधी बल की दिशा प्रयोग्य बल के सीधे विपरीत होता है तथा प्रयोग्य बल उसी समय सर्वाधिक प्रयोग होता है। जबकि वह सहारा देने वाले तल के सीधे लम्बवत् होता है। क्योंकि फिसलना या गीलापन सतह से न्यूनतम होता है।

उदाहरण-

कूदने में सर्वाधिक ऊँचाई प्राप्त करने में बल का प्रयोग सीधा नीचे की ओर होना चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए वजन का केन्द्र उछाल बिन्दु के ठीक ऊपर होना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अत्यन्त चौड़ी रखकर दौड़ता या कूदता है तो बलों की दिशा अत्यन्त कमजोर होता है। इसके फलस्वरूप अकुशल क्रियाएँ होती हैं तथा सतह पर कुछ फिसलना भी हो सकती है।

तीसरा सिद्धान्त - प्रहारक क्रियाओं में प्रतिरोध बल प्रहारक उपकरण द्वारा किसी वस्तु पर प्रयोग किये गये बल की मात्रा टकराव के आपूर्ण पर उस उपकरण तथा वस्तु के संयुक्त संवेग पर निर्भर करती है। उपकरण या वस्तु में कोई भी प्रणोदी बल में कमी लाती है। यदि उपकरण या वस्तु प्रत्यास्थ हो तो ऐसी स्थिति में प्रकोरी बल में वृद्धि होती है।

उदाहरण-

यदि उपकरण को हाथ से पकड़ते हैं तो टकराव के समय पकड़ दृढ़ होना चाहिए जिससे पकड़ पर किसी ढील को कम किया जा सके या पूरी तरह दूर हो सके, सभी प्रकार के बल्ले, चौडिल या रैकेट जिनका उपयोग खेल क्रियाओं में होता है इस प्रकार पकड़ना चाहिए जिससे कि सर्वाधिक बल प्रयोग करने का उद्देश्य प्राप्त हो सके।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- किन्सियोलॉजी (Kinesiology) क्या है? इसके लक्ष्य एवं उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- पेशीय विज्ञान के सिद्धान्त एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- अंग संचालन विज्ञान से आप क्या समझते हैं? इसकी आवश्यकता एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- किन्सियोलॉजी पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिये।
  5. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा में किनिसियोलॉजी की भूमिका स्पष्ट कीजिये।
  6. प्रश्न- पेशीय विज्ञान का शारीरिक शिक्षा में लाभ क्या है? स्पष्ट कीजिये।
  7. प्रश्न- पेशियों की भूमिका से क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिये।
  8. प्रश्न- पेशीय विज्ञान (गतिविज्ञान) से क्या समझते हो? स्पष्ट कीजिये।
  9. प्रश्न- पेशियों का विकास किन सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर किया जाता है? प्रकाश डालिए।
  10. प्रश्न- अंग संचालन विज्ञान की आवश्यकता एवं महत्त्व का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- आधारभूत गतियों को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा में गति के नियम व उनका शारीरिक क्रियाओं में उपयोग स्पष्ट कीजिए।
  13. प्रश्न- आधारीय गतियों को समझाइए।
  14. प्रश्न- गति विज्ञान के नियम का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- प्रतिक्रिया एवं संवेग के नियम का उल्लेख कीजिए।
  16. प्रश्न- गुरुत्व केन्द्र व गुरुत्व रेखा पर टिप्पणी लिखिये।
  17. प्रश्न- अक्ष एवं तल पर टिप्पणी लिखिये ?
  18. प्रश्न- शारीरिक क्रियाओं के उदाहरण के साथ परिभाषाएँ लिखिये। अथवा स्तर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  19. प्रश्न- अक्ष या धुरी पर टिप्पणी लिखिये।
  20. प्रश्न- अक्ष और तल में क्या संबंध है ? इनका उपयोग किसलिये होता है?
  21. प्रश्न- तल कितने प्रकार का होता है?
  22. प्रश्न- अक्ष को अन्य किस नाम से जानते हैं ? इसके प्रकार बताइए।
  23. प्रश्न- शरीर में पाये जाने वाली संधियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- मांसपेशी से आप क्या समझते हैं? मांसपेशियों के प्रकार का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- अस्थि पिंजर पेशियों के वर्गीकरण का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- सारटोरिअस और क्वाड्रीसेप्स पेशियों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  27. प्रश्न- मानव शरीर की किन्हीं दो माँसपेशियों का चित्र बनाकर खेलों में उनकी कार्यप्रणाली को समझाइए।
  28. प्रश्न- सन्धियों की गति की संक्षिप्त विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- स्थिर जोड़ तथा मामूली हिलन योग्य जोड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  30. प्रश्न- पेशीय संकुचन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिये।
  31. प्रश्न- डेल्टाइड पेशी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- निम्नलिखित मांसपेशीय के समीपस्थ एवं दूरस्थ जोड़ लिखिए -(i)बाईसेप्स, (ii)हैमस्ट्रिंग, (iii) गैस्ट्रोनोमिनिस।
  33. प्रश्न- मांसपेशी के समीपस्थ एवं दूरस्थ जोड़ लिखिए।
  34. प्रश्न- माँसपेशीय संकुचन को वर्गीकृत कीजिये।
  35. प्रश्न- ऐच्छिक माँसपेशियों के महत्वपूर्ण तत्व और कार्यविधि का वर्णन कीजिये।
  36. प्रश्न- अनैच्छिक मांसपेशियों के प्रमुख तत्वों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- हृदय के मुख्य तत्व कौन-से हैं ? इसके मुख्य कार्य संक्षेप में बताये।
  38. प्रश्न- ऐच्छिक पेशी और अनैच्छिक पेशी में क्या अन्तर है ?
  39. प्रश्न- ऐच्छिक पेशी और अनैच्छिक पेशी और हृदय पेशी में क्या अन्तर हैं स्पष्ट कीजिये ?
  40. प्रश्न- मानव शरीर का माँसपेशी सिस्टम क्या है ? इसका वर्गीकरण कीजिये।
  41. प्रश्न- ऊपरी अग्रांग ( Upper Extremity) से आप क्या समझते हैं ? संक्षिप्त व्याख्या कीजिये।
  42. प्रश्न- निचले अग्रांग की सम्पूर्ण शृखंला को समझाये। इसका विस्तार से उल्लेख कीजिये।
  43. प्रश्न- कन्धे के जोड़ (Shoulder Joints) से आप क्या समझते हैं ?
  44. प्रश्न- एल्बो ज्वाइंट (कोहनी के जोड़) से आपका क्या अभिप्राय है संक्षेप में बताये?
  45. प्रश्न- गर्दन की गतिविधियाँ संरचना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
  46. प्रश्न- मानव शरीर में धड़ का क्या महत्व है ?
  47. प्रश्न- कूल्हे का जोड़ (Hip Joint) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये-
  48. प्रश्न- घुटने के जोड़ की संरचना समझाये।
  49. प्रश्न- कुहनी के जोड़ से आपका क्या अभिप्राय है?
  50. प्रश्न- न्यूटन के गति विषय नियम की उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
  51. प्रश्न- चाल के न्यूटन के सिद्धान्तों को समझाइए एवं उदाहरण सहित इन सिद्धान्तों की खेलकूद में उपयोगिता बताइए।
  52. प्रश्न- न्यूटन के गति के तीसरे नियम को उदाहरण सहित समझायें।
  53. प्रश्न- क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम का उल्लेख कीजिए।
  54. प्रश्न- त्वरण के नियम सम्बन्धी सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- न्यूटन के प्रथम नियम (जड़त्व का नियम) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये
  56. प्रश्न- न्यूटन के गति के नियम से क्या अभिप्राय है ?
  57. प्रश्न- घर्षण का अर्थ और प्रकार का वर्णन कीजिये।
  58. प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं? खेल कौशल प्रदर्शित करते समय बल का प्रभावी उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है? उदाहरण सहित समझाइये।
  59. प्रश्न- घर्षण बल से आप क्या समझते हैं? खेलकूद में घर्षण के सिद्धान्तों का प्रयोग स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- खेल खिलाड़ियों में बल और बल आघूर्ण के महत्त्व को बताइए।
  61. प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं ? बल के प्रकारों की व्याख्या करते हुए खेलों में इसका प्रभावी उपभोग किस प्रकार किया जा सकता है ?
  62. प्रश्न- बल की परिभाषा दीजिए। बल के प्रभाव तथा स्त्रोतों का वर्णन कीजिए।
  63. प्रश्न- बल के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? बल के सामान्य सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  64. प्रश्न- बल का मात्रक क्या है? उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अभिकेन्द्रीय बल से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- अपकेन्द्रीय बल पर टिप्पणी लिखिये।
  67. प्रश्न- चुम्बकीय बल या दबाव के बल पर प्रकाश डालिए।
  68. प्रश्न- अपकेन्द्रित बल के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
  69. प्रश्न- उत्तोलक को परिभाषित करते हुए वर्गीकरण कीजिए और उचित उदाहरण की सहायता से खेल में इसके उचित उपयोग को बताइए।
  70. प्रश्न- उत्तोलन दण्ड की कृतियों की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- "मानव शरीर एक उत्तोलक के रूप में कार्य करता है "इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
  72. प्रश्न- लीवर की यांत्रिक सहायता पर टिप्पणी लिखिये।
  73. प्रश्न- खेल उपकरण का लीवर के रूप में उपयोग बताइये।
  74. प्रश्न- प्रथम श्रेणी के उत्तोलक की परिभाषा दीजिए।
  75. प्रश्न- उत्तोलक की भुजा व प्रकार लीजिए।
  76. प्रश्न- Ist क्लास लीवर और III rd क्लास लीवर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  77. प्रश्न- उत्तोलक से क्या अभिप्राय है। यह कितने प्रकार का होता है ?
  78. प्रश्न- सरल मशीन से क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  79. प्रश्न- उत्तोलक (लीवर) का मानव शरीर में क्या प्रयोग है?
  80. प्रश्न- शुद्ध गतिकी में चाल, वेग, त्वरण, दूरी और विस्थापन को परिभाषित कीजिये
  81. प्रश्न- गतिकी से संबंधित प्रमुख तथ्य कौन-से हैं ?
  82. प्रश्न- आदिश और सदिश राशि से आप क्या समझते हैं ? दोनों में अन्तर बताये।
  83. प्रश्न- शारीरिक क्रियाओं में त्वरण एवं संवेग को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
  84. प्रश्न- निम्नलिखित में से किन्हीं दो के बारे में लिखिये। (i) त्वरण (ii) वेग
  85. प्रश्न- जीव यांत्रिकी के अर्थ और क्षेत्र का विस्तापूर्वक वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- संवेग एवं त्वरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। अथवा त्वरण पर टिप्पणी लिखिये।
  87. प्रश्न- खेलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन क्या है? स्पष्ट कीजिये।
  88. प्रश्न- द्रव्यमान एवं भार पर टिप्पणी लिखिये।
  89. प्रश्न- शुद्ध गतिकी से आप क्या समझते हैं ?
  90. प्रश्न- शुद्ध गतिकी विज्ञान में रेखीय वेग और कोणीय वेग से आप क्या समझते हैं ?
  91. प्रश्न- दूरी और विस्थापन में अन्तर बताये ?
  92. प्रश्न- चाल और वेग में क्या अन्तर है?
  93. प्रश्न- "विराम के जड़त्व के नियम से आप क्या समझते हैं ?
  94. प्रश्न- गति के जड़त्व से आप क्या समझते हैं ?
  95. प्रश्न- त्वरण के नियम से आपका क्या अभिप्राय है ? इसे अन्य किस नाम से जाना जाता है?
  96. प्रश्न- शुद्ध गतिकी विज्ञान में किसका अध्ययन किया जाता है ?
  97. प्रश्न- जैव- यांत्रिकी का क्षेत्र स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- गतिज विज्ञान में सन्तुलन से आप क्या समझते हैं? इसके सिद्धान्त और प्रकारों का वर्णन कीजिये?
  99. प्रश्न- बल कितने प्रकार का होता है ? यह वस्तुओं को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
  100. प्रश्न- गति विज्ञान की आवश्यकता एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिये।
  101. प्रश्न- पेशीय गति विज्ञान का शारीरिक शिक्षा एवं खेल में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- ऊर्जा किसे कहते हैं ? ऊर्जा के प्रकार बतायें।
  103. प्रश्न- गुरुत्व केन्द्र से क्या अभिप्राय है ?
  104. प्रश्न- मानव शरीर में गुरुत्व केन्द्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
  105. प्रश्न- खेलों में गुरुत्व केन्द्र की क्या आवश्कता है ?
  106. प्रश्न- बल और संवेग में क्या अन्तर है ?
  107. प्रश्न- सन्तुलित बल और असन्तुलित बल में क्या अन्तर है ?
  108. प्रश्न- गतिज विज्ञान (Kinetics) के अन्तर्गत प्रमुख रूप से किसका अध्ययन किया जाता है?
  109. प्रश्न- 'कोणीय चाल' और 'कोणीय वेग' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  110. प्रश्न- कोणीय त्वरण क्या है ? इसका सूत्र का उल्लेख कीजिये ?
  111. प्रश्न- गतिज विज्ञान (Kinetics) से आप क्या समझते हैं?
  112. प्रश्न- रेखित गति से आपका क्या अभिप्राय है ?
  113. प्रश्न- कोणीय संवेग क्या है ?
  114. प्रश्न- द्रव्यमान (Mass) से आप क्या समझते हैं?
  115. प्रश्न- वजन (Weight) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखे।
  116. प्रश्न- बल से आप क्या समझते हैं ?
  117. प्रश्न- गति से आपका क्या अभिप्राय है?
  118. प्रश्न- दबाव से आप क्या समझते हैं?
  119. प्रश्न- (Kinetics) और (Kinematics) में क्या अन्तर हैं ? स्पष्ट कीजिये ?
  120. प्रश्न- गति विज्ञान के नियम बताइए।

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